यदि किसी आवेशित कण का आरम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् है तो उसका पथ होगा
सरल रेखा
दीर्घवृत्त
वृत्त
सर्पिल (Helix)
एक कण जिस पर ${10^{ - 11}}\,coulomb$ का आवेश है तथा जिसका द्रव्यमान ${10^{ - 7}}\,kg$ है $y$-अक्ष की दिशा में ${10^8}\,m/s$ के वेग से चल रहा है। $x$-दिशा मे एकसमान स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र $B = 0.5\,Tesla$ कार्यरत है। कण पर लगा बल होगा
एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र को एक स्थिर इलेक्ट्रॉन पर आरोपित किया जाता है तब
एक प्रोटॉन तथा एक एल्फा कण, किसी एक समान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के प्रदेश में प्रवेश करते हैं। इनकी गति की दिशा क्षेत्र $B$ के लम्बवत् है। यदि दोनों कणों के लिए वृत्ताकार कक्षाओं की त्रिज्या आपस में बराबर है और प्रोटॉन द्वारा अर्जित की गई गतिज ऊर्जा $1\, MeV$ है तो एल्फा कण द्वारा अर्जित ऊर्जा ......$MeV$ होगी
यदि चुंबकीय क्षेत्र धनात्मक $y$ -अक्ष के समान्तर है तथा आवेशित कण धनात्मक $x$ -अक्ष के अनुदिश गतिमान है ( चित्र देखिए ), तो लोरेंज बल किस ओर लगेगा जबकि गतिमान कण $(a)$ इलेक्ट्रॉन ( ऋण आवेश) $(b)$ प्रोटॉन (धन आवेश) है।
एक क्षेत्र में स्थिर विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र उपस्थित हैं। चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }= B _{0}(\hat{i}+2 \hat{j}-4 \hat{k})$ है। यदि एक परीक्षण आवेश, जिसका वेग $\vec{v}=v_{0}(3 \hat{i}-\hat{j}+2 \hat{k})$, पर कोई बल नहीं लगता है तो इस क्षेत्र में SI मात्रकों में विद्युत क्षेत्र होगा